Sunday, August 14, 2011

आमरण अनशन

महाराष्ट्र के प्रसिद्ध समाजसेवी अन्ना हजारे लोकपाल विधेयक को पारित कराने के लिए दिल्ली में कल से आमरण अनशन कर सकते हैं।
मध्य मुंबई में परेल में कल शाम धार्मिक नेताओं ने एक जनसभा में कहा कि यदि सरकार ने हजारे की लोकपाल विधेयक को पारित कराने की मांग को नहीं माना तो वे आमरण अनशन करेंगे।
जनसभा में बौद्ध, ईसाई, मुसलमान और जैन धर्म के नेताओं के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर, पूर्व पुलिस अधिकारी किरण बेदी, आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने ‘भ्रष्टाचार मुक्त भारत’ के परचम तले एकत्र होकर लोकपाल विधेयक पारित करवाने की मांग की।
उन्होंने देश में व्याप्त भ्रष्टाचार के लिए नेताओं पर निशाना साधते हुए हजारे और देश से भ्रष्टाचार को उखाड़ फेंकने के उनके संकल्प का समर्थन किया।
इस दौरान हजारे ने भ्रष्टाचार को उखाड़ फेंकने के अपने संकल्प को दोहराते हुए इसे भारत के सामाजिक ढांचे के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया।
अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार निरोधी लोकपाल विधेयक का स्वरूप तय करने में नागरिक समाज को शामिल किए जाने की मांग को लेकर आमरण अनशन शुरू कर दिया है। उन्हें व्यापक जनसमर्थन मिल रहा है।
सामाजिक कार्यों से जुड़े लोगों का उन्हें अपार समर्थन मिल रहा है। हजारे मंगलवार सुबह नौ बजे राजघाट गए और उसके बाद उन्होंने इंडिया गेट से जंतर-मंतर का रुख किया। जंतर-मंतर पर उन्होंने अपना उपवास शुरू किया।
हजारे ने सोमवार को यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘चूंकि प्रधानमंत्री ने लोकपाल विधेयक का स्वरूप तय करने के लिए नागरिक समाज के लोगों के साथ एक संयुक्त समिति गठित किए जाने की मांग को अस्वीकार कर दिया है, इसलिए पूर्व में की गई घोषणा के अनुसार मैं आमरण अनशन पर बैठूंगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यदि इस दौरान मेरी जिंदगी भी कुर्बान हो जाए तो मुझे इसका अफसोस नहीं होगा। मेरा जीवन राष्ट्र को समर्पित है।’’
हजारे मंगलवार सुबह सबसे पहले सुबह नौ बजे राजघाट जाएंगे और फिर उसके बाद इंडिया गेट से जंतर-मंतर का रुख करेंगे। जंतर-मंतर पर वह अपना उपवास आरम्भ करेंगे।
सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘‘मैं देश की जनता से अपील करता हूं कि वे इस भूख हडम्ताल में शामिल हों और भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को अपना समर्थन दें।’’

No comments:

Post a Comment